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Pooja vashisht
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Monday, June 13, 2011
The Greatest Artist
Dance
dance the river is there to rise
dance touch me and close your eyes
dance the winds will touch your feet
just dance and dance feel the beat
dance the river will find its mouth
dance east and west north and south
dance the river will find my lips
dance the poles to move my hips
dance the bees are dancing hives
dance the trees are swaying lives
dance the waves are breaking through
dance the sides for me and you
dance the birds are dancing flights
dance the stars are dancing nights
dance the currents dancing veins
dance in soils dancing grains
dance the last atom cutting a knot
just dance and dance until you cannot
dance touch me and close your eyes
dance the winds will touch your feet
just dance and dance feel the beat
dance the river will find its mouth
dance east and west north and south
dance the river will find my lips
dance the poles to move my hips
dance the bees are dancing hives
dance the trees are swaying lives
dance the waves are breaking through
dance the sides for me and you
dance the birds are dancing flights
dance the stars are dancing nights
dance the currents dancing veins
dance in soils dancing grains
dance the last atom cutting a knot
just dance and dance until you cannot
Monday, April 25, 2011
kon kehta h k aashman m surag nahi
कौन कहता है, ’’कि आसमान में सुराग नहीं होता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों।
इस कहावत को सही मायने में अन्ना हजारे ने सिद्ध कर दिया। अन्ना हजारे जिनका जन्म सन् 15 जनवरी 1940 को हुआ। इनकी माता लक्ष्मी बाई हजारे और पिता भाबूरणे हजारे था। आरम्भ से अपनी लगन और मेहनत से इन्होंने रालेगाँव में लोगों को पानी उपलब्ध करा कर अपने आपको सिद्ध किया और फिर सूचना के अधिकार के प्रति अहिंसक आन्दोलन के लिए उठा कदम सराहनिय रहा। लेकिन अन्ना चर्चा में तब आए जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अंसन पर बैठ गये थे। चार दिनों के इस अंसन ने सरकार को झुका कर रख दिया और अपनी बात के आगे झुकने पर मजबूर भी कर दिया।
आज अन्ना को दूसरा गांधी के नाम से जाना जाने लगा है और अगर मैं यह बात कहूं कि ’’न लहू बहा, न गदर मचा, न हुआ कोई संग्राम रे चली तो अन्ना लहर चली हर शहर -शहर, हर गांव रे। इसमें कोई परेशानी नहीं होगीं। जन लोकपाल बिल के अंहिसक आन्दोलन ने 21वीं सदी के इस दौर में भी गांधी के विचारों की अलख जगा दी और गांधी को लोगों के बीच फिर से जिंदा कर दिया। अंहिसा से बड़ा कोई हथियार नहीं और सत्य से बड़ा कोई विचार नहीं।
पर असल, भौतिक सुख की चाह ने हमे इतना अंधा बना दिया है कि दो सौ साल की गुलामी के बाद भी मिली आजादी की कीमत हम भूल गए।
क्या हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ऐसे भारत के लिए ही अपनी कुर्बानियां दी थी? जरूरत है अन्ना जैसे समाजसेवियों की, जरूरत है युवाओं को जागरूक करने की, जरूरत है देश को बदलने की । अन्ना ने देश के सामने भ्रष्टाचार से लड़ने और अहिंसा का रास्ता अपना कर इसका विरोध किया। आज दे को ऐसे अनेक आंदोलनों की जरूरत है।
एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों।
इस कहावत को सही मायने में अन्ना हजारे ने सिद्ध कर दिया। अन्ना हजारे जिनका जन्म सन् 15 जनवरी 1940 को हुआ। इनकी माता लक्ष्मी बाई हजारे और पिता भाबूरणे हजारे था। आरम्भ से अपनी लगन और मेहनत से इन्होंने रालेगाँव में लोगों को पानी उपलब्ध करा कर अपने आपको सिद्ध किया और फिर सूचना के अधिकार के प्रति अहिंसक आन्दोलन के लिए उठा कदम सराहनिय रहा। लेकिन अन्ना चर्चा में तब आए जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अंसन पर बैठ गये थे। चार दिनों के इस अंसन ने सरकार को झुका कर रख दिया और अपनी बात के आगे झुकने पर मजबूर भी कर दिया।
आज अन्ना को दूसरा गांधी के नाम से जाना जाने लगा है और अगर मैं यह बात कहूं कि ’’न लहू बहा, न गदर मचा, न हुआ कोई संग्राम रे चली तो अन्ना लहर चली हर शहर -शहर, हर गांव रे। इसमें कोई परेशानी नहीं होगीं। जन लोकपाल बिल के अंहिसक आन्दोलन ने 21वीं सदी के इस दौर में भी गांधी के विचारों की अलख जगा दी और गांधी को लोगों के बीच फिर से जिंदा कर दिया। अंहिसा से बड़ा कोई हथियार नहीं और सत्य से बड़ा कोई विचार नहीं।
पर असल, भौतिक सुख की चाह ने हमे इतना अंधा बना दिया है कि दो सौ साल की गुलामी के बाद भी मिली आजादी की कीमत हम भूल गए।
क्या हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ऐसे भारत के लिए ही अपनी कुर्बानियां दी थी? जरूरत है अन्ना जैसे समाजसेवियों की, जरूरत है युवाओं को जागरूक करने की, जरूरत है देश को बदलने की । अन्ना ने देश के सामने भ्रष्टाचार से लड़ने और अहिंसा का रास्ता अपना कर इसका विरोध किया। आज दे को ऐसे अनेक आंदोलनों की जरूरत है।
Tuesday, April 12, 2011
education poem
न ये केमिस्ट्री होती,
न मैं student होता,
न ये लैब होती,
न ये एक्सीडेंट होता,
अभी practical में आई नज़र एक लड़की,
सुन्दर थी नाक उसकी टेस्ट ट्यूब जैसी,
बातों में उसके ग्लुकोस की मिठास थी,
सांसों में एस्टर की खुशबु भी साथ थी,
आँखों से झलकता था कुछ इस तरह का प्यार,
बिन पिए ही हो जाता था अल्कोहल का खुमार,
Benzene से होता था उसकी presence का एहसास,
अँधेरे में होता था रेडियम का आभास,
नज़रें मिली Reaction हुआ,
कुछ इस तरह Love का Production हुआ,
लगने लगे उसके घर के चक्कर ऐसे,
Nucleus के चारों तरफ Electron हो जैसे,
उस दिन हमारे टेस्ट का Confirmation हुआ,
जब उसके Daddy से हमारा Introduction हुआ,
सुन कर हमारी बात वो ऐसे उछल पड़े,
Ignition Tube में जैसे Sodium भड़क उठे,
वो बोले होश में आओ, पहचानो अपनी औकात,
Iron मिल नहीं सकता Gold के साथ,
ये सुन कर टूटा हमारा अरमानों भरा बीकर,
और हम चुप रहे Benzaldehyde का कड़वा घूँट पीकर.
न मैं student होता,
न ये लैब होती,
न ये एक्सीडेंट होता,
अभी practical में आई नज़र एक लड़की,
सुन्दर थी नाक उसकी टेस्ट ट्यूब जैसी,
बातों में उसके ग्लुकोस की मिठास थी,
सांसों में एस्टर की खुशबु भी साथ थी,
आँखों से झलकता था कुछ इस तरह का प्यार,
बिन पिए ही हो जाता था अल्कोहल का खुमार,
Benzene से होता था उसकी presence का एहसास,
अँधेरे में होता था रेडियम का आभास,
नज़रें मिली Reaction हुआ,
कुछ इस तरह Love का Production हुआ,
लगने लगे उसके घर के चक्कर ऐसे,
Nucleus के चारों तरफ Electron हो जैसे,
उस दिन हमारे टेस्ट का Confirmation हुआ,
जब उसके Daddy से हमारा Introduction हुआ,
सुन कर हमारी बात वो ऐसे उछल पड़े,
Ignition Tube में जैसे Sodium भड़क उठे,
वो बोले होश में आओ, पहचानो अपनी औकात,
Iron मिल नहीं सकता Gold के साथ,
ये सुन कर टूटा हमारा अरमानों भरा बीकर,
और हम चुप रहे Benzaldehyde का कड़वा घूँट पीकर.

Sunday, April 10, 2011
vote
क्या आप मानते हैं कि अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए आंदोलन से लोकतंत्र को नई ताकत मिली है?
हां नहीं पता नहीं
Thursday, March 31, 2011
PURANA KHYAAL
Aaj fir 1 purana khyaal yaad aaya hai, jiska na tha jabab humare pass vo savaal yaad aaya hai.
kyun ruk gayi jindgi kisi ki chah me, aaj vo padaav yaad hai.
Aaj fir 1 purana khyaal yaad aaya hai.........
Sochkar vo pyaari baatein kisi ki, chehre par hansi aankhuon me aansu ka sailab aaya hai.
Ruthkar jaan hi tha, to hume manaaya kyun kisi ka ye savaal yaad aaya hai.
Aaj fir 1 purana khyaal yaad aaya hai.
kyun ruk gayi jindgi kisi ki chah me, aaj vo padaav yaad hai.
Aaj fir 1 purana khyaal yaad aaya hai.........
Sochkar vo pyaari baatein kisi ki, chehre par hansi aankhuon me aansu ka sailab aaya hai.
Ruthkar jaan hi tha, to hume manaaya kyun kisi ka ye savaal yaad aaya hai.
Aaj fir 1 purana khyaal yaad aaya hai.
Friday, March 25, 2011
To My Frnd
Tum bhool gaye aakhir,
Tumhari majboori thi akhir,
Per tumhein bhool na paaya-
Meri majboori thi akhir,
Kai ilzaam laga sakte ho akhir,
Tumko rone ke siva diya kya akhir,
Per sach tumhari rooh ko bhi-
Pyar kiya akhir,
Mano na mano-
Tum meri ho akhir.......
Tumhari majboori thi akhir,
Per tumhein bhool na paaya-
Meri majboori thi akhir,
Kai ilzaam laga sakte ho akhir,
Tumko rone ke siva diya kya akhir,
Per sach tumhari rooh ko bhi-
Pyar kiya akhir,
Mano na mano-
Tum meri ho akhir.......

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